मुख्यमंत्री ने की कुमाऊँ मण्डल में पेयजल, विद्युत आपूर्ति सहित विभिन्न विकास कार्यों की समीक्षा

देहरादून । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को एफटीआई सभागार हल्द्वानी में मानसखंड मन्दिर माला के अंतर्गत कैंची धाम में आयोजित होने वाले मेले की तैयारियों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कुमाऊँ मण्डल में पेयजल, विद्युत आपूर्ति सहित विभिन्न विकास कार्यों की भी समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कैंची धाम में आने वाले पर्यटकों की संख्या में हर रोज इजाफा हो रहा है। इसके लिए जिलाधिकारी नैनीताल को पर्यटन विभाग के माध्यम से कैंची धाम में यात्रियों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था चालू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य सभी यात्रा मार्गों में यात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना है। इसके लिए यात्रा प्राधिकरण बनाया जाएगा जिसका उद्देश्य पर्यटकों और यात्रियों को अधिकतम सुविधाएं प्रदान करना होगा। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को यात्रा मार्ग में बनाई जाने वाली संरचना, सुविधाओं आदि के प्रपोजल भी भेजने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने बैठक में निर्देश दिये कि जल जीवन मिशन के कार्यों की गुणवत्ता और पेयजल योजना में लगने वाले पाइपों  की मोटाई मानकों के अनुरूप ने होने की शिकायतों पर शीघ्र आवश्यक कार्यवाही की जाय। इस संबंध में  कुमाऊं मण्डल के सभी डीएम को उन्होंने 05 करोड़ से अधिक लागत की कतिपय योजनाओं के भौतिक सत्यापन हेतु स्थलीय निरीक्षण के निर्देश भी दिए। साथ ही कुमाऊं आयुक्त को योजनाओं की मॉनिटरिंग करने और लापरवाही पाए जाने पर सम्बंधित के विरुद्ध कारवाई की संस्तुति के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं में हीलाहवाली और लीपापोती किसी भी कीमत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन ईमानदारी और निष्ठा से करें, यही उनका दायित्व है। आम जन को योजनाओं का  लाभ मिले, इसलिए योजनाओं का निर्माण किया जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर रोज समाचार पत्रों, सोशल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विभागों के द्वारा किए जा रहे कार्यों की वास्तविक स्थिति दिखाई जाती है। जिस भी विभाग से संबंधित खबरें मीडिया में छपती है या दिखाई जाती है सम्बंधित अधिकारी जिम्मेदारी लेते हुए खबर का संज्ञान ले और कार्यों को जांच करते हुए गुणवत्ता में सुधार करे। इसके साथ ही खबर के संबंध में की गई कार्यवाही से संबंधित मीडिया संस्थान को भी अवगत कराए। मुख्यमंत्री ने कुमाऊं मंडल में बिजली और पेयजल किल्लत पर लोगों को कम से कम परेशानी हो इसके लिए ऊर्जा और पेयजल अधिकारियो को मांगके अनुरूप कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। लोगों को किस प्रकार तत्कालिक राहत की जा सकती है इस पर अधिकारी ध्यान दें। भविष्य में किस प्रकार ऊर्जा और पेयजल संकट से निपटा जा सके इसके लिए दीर्घकालिक योजना भी तैयार करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये तथा स्वीकृत किये गये नये बिजली घरों पर कार्य शीघ्र आरंभ करने को कहा। बैठक में जिलाधिकारी वंदना सिंह ने जानकारी दी कि कैंची धाम के मेले के लिए जिला और पुलिस प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। स्थाई और अस्थाई तौर पर 11 पार्किंग तैयार की गई है जिसकी क्षमता लगभग 1500 से 2 हजार वाहनों की होगी।
मुख्यमंत्री श्री धामी ने नगर निगम के पास नहर कवरिंग सड़क का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान डामरीकरण पर उन्होंने संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि नहर कवरिंग हो जाने से हल्द्वानी शहर को काफी हद तक जाम से निजात मिलेगी। पेयजल से जुड़े अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि जलनिगम व जल संस्थान द्वारा 2055 की जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए हल्द्वानी शहर की पेयजल समस्या को देखते हुए जलनिगम ने शहर के लिए पानी की मात्रा को बढ़ाते हुए ग्रेविटी स्कीम पर आधारित एक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने के लिए डीपीआर तैयार की है। इसके साथ ही पूर्व में स्थापित दोनों वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्ल्यू टी पी) शीशमहल व शीतलाहाट को रेनोवेट करने की योजना है। विभाग द्वारा लगभग 155  करोड़ की लागत से एक डब्ल्यूटीपी प्लान व वर्तमान में संचालित डब्ल्यूटीपी व अन्य कार्यों के सुदृढ़ीकरण हेतु प्लान तैयार किया गया है।
निरीक्षण के दौरान एसई जल संस्थान विशाल सक्सेना ने कहा कि गौला नदी से ग्रैविटी पर आधारित स्कीम तैयार की जा रही है जिससे भूमिगत जल पर निर्भरता कम भर रहे। इसके साथ ही ट्यूबवेल से संचालित पेयजल योजनाओं को आकस्मिकता के तौर पर प्रयोग में लाया जाएगा। इससे वर्तमान व भविष्य में होने वाली पेयजल समस्या से निजात मिल पाएगी।ज्ञातव्य है कि हल्द्वानी में शीश महल व शीतलाहाट में दो वाटर फिल्टर प्लांट है जो कि काफी पुराने व अपनी समयावधि पूर्ण कर चुके है। बरसात के समय गौला नदी में सिल्ट आने से पेयजल आपूर्ति बाधित हो जाती है व वर्तमान में हल्द्वानी के दोनों वाटर प्लांट की पानी के प्यूरीफाई की क्षमता भी काफी कम है। इसके अलावा गर्मियों के दिनों में ट्यूबवेल फूंकने से भी पेयजल आपूर्ति बाधित रहती है।

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