देहरादून । उत्तराखंड में चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या साल दर साल बढ़ रही है। इस बार भी लाइफ टाइम रिकॉर्ड टूटने की उम्मीद है। जिसकी तस्दीक अब तक के रजिस्ट्रेशन के आंकड़े कर रहे हैं। रजिस्ट्रेशन के जरिए राज्य सरकार श्रद्धालुओं का आंकड़ा तो अपने पास रखती ही है, साथ ही किस राज्य से कितने लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है, इसकी भी जानकारी रखती है। अब तक जो आंकड़े सामने आए हैं, उसमें चारधाम यात्रा के लिए सबसे ज्यादा रजिस्ट्रेशन उत्तर प्रदेश के श्रद्धालुओं ने करवाए हैं। जबकि, गुजरात दूसरे नंबर पर है।
साल 2013 की आपदा के बाद और कोरोनाकाल खत्म होने के बाद राज्य सरकार ने रजिस्ट्रेशन तंत्र को मजबूत किया है। उत्तराखंड में आने वाले हर श्रद्धालुओं का पूरा आंकड़ा राज्य सरकार के पास रहे। इसके लिए चारधाम पर आने वाले श्रद्धालुओं का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है। ऐसे में पर्यटन विभाग की ओर से 9 अप्रैल तक जो आंकड़े इकट्ठा किए गए हैं, उसके मुताबिक उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा रजिस्ट्रेशन हुए हैं।
आंध्र प्रदेश से 1 लाख 66 हजार 899 लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाएं हैं। जबकि। उत्तर प्रदेश से 1 लाख 83 हजार 950 श्रद्धालुओं ने अब तक रजिस्ट्रेशन करवा लिए हैं। राजस्थान से 99,080 और तेलंगाना से 51,699 श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। उत्तराखंड से अब तक 12,954 पंजीकरण हुए हैं। बात अगर दिल्ली की करें अभी तक 54,925, कर्नाटक से 56,029, छत्तीसगढ़ से 45,995, बिहार से 42,430, उड़ीसा से 33,670 श्रद्धालु चारधाम के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं।
तमिलनाडु से यह संख्या 1,577 तक पहुंच गई है। पंजाब से भी 13,451 श्रद्धालुओं ने अभी तक रजिस्ट्रेशन करवाया है। हरियाणा से भी 36,735 श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। मध्य प्रदेश से 1,44,604 श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है। जबकि, गुजरात से 1 लाख 39630 पंजीकरण श्रद्धालु करवा चुके हैं। पश्चिम बंगाल से 91,391, झारखंड से 21,164, सिक्किम से 247 श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं।
इसके अलावा उत्तर पूर्वाेत्तर राज्यों के श्रद्धालुओं ने भी चारधाम में आने की इच्छा जताई है। जिसके तहत त्रिपुरा से 635, असम से 2,423, अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड से 18-18 श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। जबकि, मेघालय से 48 और मणिपुर से 80 श्रद्धालु चारधाम यात्रा 2025 के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। ये आंकड़े 9 अप्रैल 2025 तक के हैं।
