देहरादून । टिहरी झील प्रोजेक्ट को लेकर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में हुई हाई पॉवर कमेटी की बैठक में टिहरी झील को एक ब्रांड टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने पर जोर दिया गया। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि स्थानीय लोगों के सुझावों के साथ टिहरी झील प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया जाए। इस तरह का खाका खींचा जाए कि ये प्रोजेक्ट पलायन की समस्या के समाधान के साथ स्वरोजगार को बढ़ावा देने वाला साबित हो।
सचिवालय में हुई बैठक में मुख्य सचिव ने टिहरी झील और इसके कैचमेंट क्षेत्र का विकास एशियन डेवलपमेंट बैंक की गाइड लाइन्स के अनुसार किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि तैयार डीपीआर के अनुसार काम किया जाए। प्रोजेक्ट में सभी स्टेकहोल्डर्स, विशेषकर स्थानीय ग्रामीणों की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए उनके सुझाव लिए जाएं। पर्यटन विकास के सभी प्रोजेक्ट में पर्यावरणीय हितों का विशेष ध्यान रखा जाए। खासतौर पर पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यटन विकास की गतिविधियों में सोलिड वेस्ट मेनेजमेंट को शीर्ष प्राथमिकता दी जाए।
कहा कि पूरे प्रोजेक्ट में टिहरी शहर के ऐतिहासिक महत्व को दोबारा स्थापित किया जाए। पर्यटन की बुनियादी सुविधाओं को मजबूत किया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित होम स्टे में भी बेहतर कूड़ा प्रबन्धन किया जाए। पर्यटन और इकोलॉजी में संतुलन रखने की नीति का पालन करते हुए सभी टूरिज्म प्रोजेक्ट पर काम किया जाए। बैठक में सचिव आवास आर मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे, सचिव वित्त दिलीप जावलकर, सचिव लोनिवि पंकज कुमार पाण्डेय आदि मौजूद रहे।
1294 करोड़ से संवरेगी टिहरी झील
टिहरी झील और उसके आस पास के क्षेत्र का विकास 1294 करोड़ रूपये से सुनिश्चित होगा। एडीबी से मिलने वाले बजट से टिहरी झील के आस पास आधारभूत ढांचा विकसित किया जाएगा। टिहरी लेक प्रोजेक्ट के तहत 52 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के लगभग 103 गांवों की लगभग 96875 आबादी को इसका लाभ पहुंचेगा। डोबरा चांठी, तिवाड़ गांव, कोटी कॉलोनी, न्यू टिहरी, मदन नेगी और झील कलस्टर में विभिन्न पर्यटन सुविधाओं को विकसित किया जाएगा।
स्थानीय लोगों की आर्थिकी बढ़ाने वाला हो प्रोजेक्ट
मुख्य सचिव ने कहा कि पर्यटन के विकास से जुड़े सभी प्रोजेक्ट का इस आधार पर मूल्यांकन किया जाए कि इससे कितने स्थानीय लोगों को लाभ मिल रहा है। योजना से कितना रोजगार, विकास हो रहा है। पूरे क्षेत्र में रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म को प्रोत्साहित किया जाए। स्थानीय लोगों की आजीविका के अवसर को बढ़ाया जाए। क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों को कम से कम तीन दिन तक यहां रहने को प्रोत्साहित किया जाए।