देहरादून । उत्तराखंड में मानसूनी आफत रुकने का नाम नहीं ले रही है। लगातार हो रही बारिश के चलते आम जन जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है तथा सड़के बाधित होने से आवागमन में लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। राज्य की तमाम प्रमुख सड़कों सहित 100 से भी अधिक सड़के बंद पड़ी हैं तथा भूस्खलन के कारण बंद पड़े मार्गों को खोल पाना एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।
केदारनाथ हाईवे बंद होने के कारण बीती 31 जुलाई से केदारनाथ यात्रा बंद है। हेली सेवा के माध्यम से अब गिनती के लोग ही धाम तक पहुंच पा रहे हैं। आज एक बार फिर डोलिया देवी के पास पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा सड़क पर गिर जाने से भारी मात्रा में बोल्डर और मलवा सड़क पर आ गया है। वही बदरीनाथ हाईवे भी तीन अलगकृअलग जगह गोचर, छिनका और कमेड़ा में हुए भूस्खलन के कारण बंद हो गया है। जिसके कारण जगहकृजगह यात्री फंस गए हैं। उधर थराली देवास मार्ग पर भूस्खलन से सड़क बंद हो गई है, चमोली जिले की डेढ़ दर्जन से अधिक सड़के बंद पड़ी हैं। थराली मार्ग बंद होने से 12 से ज्यादा गांवों का संपर्क टूट गया है।
खास बात यह है कि राज्य में मानसूनी बारिश का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। मौसम विभाग द्वारा जारी ताजा अपडेट के अनुसार देहरादून, टिहरी और बागेश्वर में भारी से भी अधिक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इसके साथ ही राज्य के 5कृ6 जिलों उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पौड़ी तथा चंपावत में भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है। तथा लोगों से सावधानी बरतने की अपील की गई है। उधर अभी बीते सप्ताह टिहरी के कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश से तीन गांवों बूढ़ाकेदार, तिनगढ़ी आदि में भारी नुकसान हुआ है। इन गांवों को प्रशासन द्वारा खाली करा लिया गया है तथा 60 से अधिक परिवार अभी भी राहत शिविरों में पड़े हुए हैं तथा उनकी घर वापसी की कोई संभावनाएं नजर नहीं आ रही है।
मौसम विभाग की चेतावनी के बाद सरकार द्वारा सभी जिलों के अधिकारियों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। लोगों से अपील की गई है कि वह अनावश्यक यात्रा से बचे तथा नदीकृनालों और खालों से दूरी बनाकर रहे।