देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (Governor Lt Gen Gurmeet Singh) (से नि) के समक्ष मंगलवार को यूपीईएस विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ हेल्थ साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी के क्लस्टर प्रमुख प्रो. शुभजीत बासु ने राजभवन में ‘वन यूनिवर्सिटी-वन रिसर्च’ कार्यक्रम के अंतर्गत चल रहे शोध कार्य की प्रगति पर प्रस्तुतीकरण दिया। यूपीईएस द्वारा उत्तराखण्ड की जैव विविधता क्षमताओं और उनके सदुपयोग पर शोध किया जा रहा है।
प्रो. बासु ने बताया कि यह शोध उत्तराखण्ड की जैव पूर्वेक्षण क्षमता, हिमालयी पर्यावरण और स्थानीय संसाधनों को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है। इसका उद्देश्य आधुनिक विज्ञान और तकनीक की मदद से मानव स्वास्थ्य, पोषण और सतत विकास में योगदान देना है। राज्यपाल कहा कि यह शोध कार्य उत्तराखण्ड की जैव-संपदा को वैज्ञानिक रूप में पहचान देने के साथ-साथ स्थानीय समुदायों के लिए नए अवसरों के द्वार खोल सकता है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में जैव विविधता और इससे संबंधित क्षेत्रों में काफी संभावनाएं हैं, बस उन्हें सही से उपयोग करने की जरूरत है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि अनुसंधान केवल प्रयोगशालाओं तक सीमित न रहे, बल्कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक उसका प्रभाव पहुंचे। इस अवसर पर सचिव रविनाथ रामन, यूपीईएस के डॉ. पीयूष कुमार, डॉ. रमेश सैनी उपस्थित थे।