देहरादून। गोबर से निर्मित पर्यावरण-अनुकूल दीयों के उत्पादन पर आधारित (seven day training program) सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन हुआ। यह कार्यक्रम स्पेक्स देहरादून एवं उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकोस्ट), देहरादून के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया था। समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में यूकोस्ट के देहरादून जिला समन्वयक एवं श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) गुलशन कुमार ढींगरा उपस्थित रहे। उन्होंने सभी प्रतिभागियों की सक्रिय भागीदारी की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल सतत विकास, पर्यावरण संरक्षण एवं स्थानीय महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान कुल 1,263 इको-फ्रेंडली दीए तैयार किए गए, जो जैव-अपघटनीय (बायोडिग्रेडेबल) होने के साथ-साथ उपयोग के पश्चात खाद में परिवर्तित होकर पर्यावरण संरक्षण एवं स्वच्छ भारत मिशन को भी बल प्रदान करते हैं। स्पेक्स के अध्यक्ष डॉ. बृज मोहन शर्मा ने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण एवं अर्ध-शहरी क्षेत्रों की महिलाओं को स्वावलंबी बनाना है, जिससे वे स्थानीय संसाधनोंकृविशेषतः गोबरकृका उपयोग कर पर्यावरण हितैषी दीयों का निर्माण कर सकें। इस पहल का उद्देश्य केवल पर्यावरणीय चेतना बढ़ाना नहीं, बल्कि महिलाओं को आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रोत्साहित करना भी है।
डॉ. शर्मा ने समापन अवसर पर कार्यक्रम के सामाजिक-आर्थिक महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि यह प्रशिक्षण महिलाओं को ग्रीन बिजनेस से जोड़ने का एक रणनीतिक प्रयास है, जो सतत विकास लक्ष्यों (ैक्ळे) के अनुरूप है। उन्होंने आगामी दीपावली तक 5 लाख दीयों के निर्माण का लक्ष्य घोषित किया और प्रतिभागियों की क्षमता पर पूर्ण विश्वास व्यक्त किया। उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि स्पेक्स विपणन, ब्रांडिंग एवं वितरण जैसे क्षेत्रों में प्रतिभागियों को सतत सहयोग प्रदान करता रहेगा। साथ ही उन्होंने सभी को इस प्रयास को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए सहभागिता करने, मिलकर कार्य करने एवं प्रत्येक तैयार दीए को बाज़ार तक पहुँचाने का आह्वान किया,
जिससे कौशल आमदनी में और परिश्रम सशक्तिकरण में परिवर्तित हो। गायत्री क्लस्टर की अध्यक्ष श्रीमती तुलसी मेहरा ने यूकोस्ट एवं स्पेक्स के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सभी महिलाएं इस विश्वास पर खरा उतरेंगी और निर्धारित लक्ष्य की पूर्ति हेतु पूरी निष्ठा से कार्य करेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि निरंतर तकनीकी मार्गदर्शन एवं संस्थागत सहयोग महिलाओं के कौशल विकास एवं आर्थिक सशक्तिकरण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। प्रशिक्षण की दैनिक प्रगति की जानकारी साझा करते हुए कार्यक्रम समन्वयक नीरज उनियाल ने बताया कि कुल 33 प्रतिभागियों ने पूरे कार्यक्रम में सक्रिय सहभागिता निभाई।
प्रतिदिन दीयों का निर्माण इस प्रकार हुआरू पहले दिन 144, दूसरे दिन 280, तीसरे दिन 167, चौथे दिन 407 तथा अंतिम दिन 335 दीए तैयार किए गए, जिससे कुल संख्या 1,263 हो गई। कार्यक्रम के अंत में डॉ. ढींगरा एवं डॉ. शर्मा द्वारा सभी प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए। इस कार्यक्रम में मीनाक्षी देवी, कौशल देवी, कौशल्या देवी, रेनू, रानी खंडूरी, विशाल कुमार, रेखा न्याल, ईशिका कुमारी, ललिता तथा अन्य लोगों ने भाग लिया।