रुद्रप्रयाग । पेपर लीक मामले में यूकेएसएसएससी के अधिकारियों के साथ ही भाजपा के बड़े नेताआेंं की मिलीभगत है। पहले भाजपा पर वोट चोरी का आरोप लगा तो अब पेपर चोर का आरोप लग रहा है। बच्चे मोटी-मोटी फीस देकर कोचिंग की पढ़ाई कर रहे हैं। सालों तक पढ़ने के बाद जब पेपर हो रहे हैं तो हाकम सिंह जैसे पेपल लीक माफिया बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। जिस प्रकार का हालात आज उत्तराखण्ड में बने हैं, उससे लगता है कि 2027 में भाजपा का सूपड़ा साफ होने जा रहा है। शिक्षक और छात्र सड़कों में आंदोलन कर रहे हैं तो माताएं-बहिनें सुरक्षित नहीं हैं। आपदा से पूरा प्रदेश त्रस्त है। जनता में त्राहिमाम-त्राहिमाम जैसे हालात बने हैं।
नवरात्रि पर्व के पहले दिन प्रसिद्ध मां धारी देवी मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद रुद्रप्रयाग स्थित जीएमवीएन के गेस्ट हाउस में पत्रकारों से वार्ता करते हुए पूर्व काबीना मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ हरक सिंह रावत ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में रुद्रप्रयाग जिले की स्थापना की। तहसीले बनाई। इसके अलावा जिले को सैनिक स्कूल की सौगात दी, लेकिन आज तक सैनिक स्कूल की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पाई है। क्षेत्रीय विधायक इस मुद्दे पर गंभीर नहीं हैं। उनका ध्यान सिर्फ कमाई में लगा है। चिरबटिया में कृषि महाविद्यालय के बुरे हाल हैं। जिले की जनता आपदा से जूझ रही है। जवाड़ी बाईपास रुद्रप्रयाग पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। छेनागाड़ आपदा में लापता हुए लोगों को नहीं खोजा गया है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ हरक सिंह रावत ने भाजपा पर आरोपों के बाण छोड़ते हुए कहा कि यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में आयोग के बड़े अधिकारियों से लेकर भाजपा के बड़े नेताओं का हाथ है। बच्चे किसी तरह से रोजगार पाने को लेकर मोटी-मोटी रकम देकर कोचिंग कर रहे हैं और जब पेपर हो रहे हैं तो हाकम सिंह जैसे पेपर लीक माफिया बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले वोट चोरी का आरोप लगा तो अब प्रदेश सरकार पर पेपर चोरी का आरोप लगा है। इन मामलों में भाजपा कहीं से भी गंभीर नजर नहीं आ रही है। इससे साफ है कि सरकार और अधिकारी मिले हुए हैं। इनके विनाश को लेकर मां धारी से प्रार्थना की गयी है। जिस प्रकार से प्रदेश के हालात बने हुए हैं, उससे लग रहा है कि 2027 में भाजपा का सूपड़ा साफ होना तय है। कांग्रेस नेता डॉ रावत ने कहा कि उक्रांद का प्रदेश में कोई अस्तित्व नहीं है। उनके नेताओं की जनता के बीच कोई पकड़ नहीं है। पहले उनके दो-चार विधायक जीतकर आते थे, मगर अब स्थिति शून्य हो गई है। ऐसे में उक्रांद का भविष्य नजर नहीं आ रहा है।
पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में पूर्व काबीना मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने कहा कि रुद्रप्रयाग विधायक भरत सिंह चौधरी उनके सामने राजनीति के मामले में कच्चे खिलाड़ी हैं। मैंने राजनीति में 1991 से शुरूआत की है और चौधरी 2017 में आए हैं। डॉ रावत ने कहा कि पार्टी का निर्णय होगा तो वे जरूर रुद्रप्रयाग विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे और जब भी वे चुनाव लड़े हैं तो उनके सामने चुनाव लड़ने वाला विपक्षी कभी दोबारा चुनाव लड़ने लायक नहीं रहा या फिर वो स्वर्गवास ही हुआ है। चाहे तो फिर इतिहास ही उठाकर देख लिजिए।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ रावत प्रदेश की वर्तमान स्थिति को बयां कर रहे थे। इस दौरान उनकी आंखों से आंसू निकल गए और वे रोने लगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश विनाश की ओर जा रहा है और भाजपा को इससे कोई लेना-देना नहीं है। प्रदेश को कमाई का साधन बना दिया है। प्रकृति के साथ अनावश्यक छेड़छाड़ की जा रही है। बेतरबीत ढंग से हो रहे निर्माण कार्य प्रकृति के विनाश का कारण बन रहे हैं। डॉ रावत ने कहा कि आज प्रदेश के जो हालात बने हैं, वे बहुत दर्द दे रहे हैं। पत्रकार वार्ता के दौरान कांग्रेस नेता डॉ हरक सिंह रावत ने रुद्रप्रयाग व केदारनाथ विधानसभा से चुनाव लड़ने के संकेत दिए। उन्होंने कहा कि अगर बाबा केदार का आशीर्वाद मिला तो वे केदारनाथ या रुद्रप्रयाग विधानसभा से चुनाव लड़ सकते हैं और भारी बहुमत के साथ विजयी भी होंगे। जहां की जनता उन्हें याद करती है, वे वहां जाकर चुनाव लड़ते हैं।
