उत्तराखंड को राष्ट्रीय स्तर पर मिले व्यापार सुधार कार्ययोजना के तहत पांच प्रमुख सुधार श्रेणियों में टॉप अचीवर्स पुरस्कार

देहरादून । उत्तराखण्ड को व्यापार सुधार कार्य योजना 2024 के अंतर्गत पांच प्रमुख सुधार श्रेणियों में टॉप अचीवर्स पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, जो देश में किसी भी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश द्वारा प्राप्त सर्वोच्च संख्या है। मंगलवार को नई दिल्ली में आयोजित उद्योग समागम 2025 में व्यापार सुधार कार्य योजना के अंतर्गत उत्तराखंड के उत्कृष्ट प्रदर्शन को मान्यता देते हुए इस पुरस्कार की घोषणा की गई। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल द्वारा उत्तराखंड सरकार के उद्योग सचिव विनय शंकर पांडे और महानिदेशक एवं आयुक्त उद्योग डॉ. सौरभ गहरवार को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद भी उपस्थित थे।
उत्तराखंड को देश में व्यवसाय प्रवेश, निर्माण परमिट सक्षमकर्ता, पर्यावरण पंजीकरण, निवेश सक्षमकर्ता एवं श्रम विनियमन सक्षमकर्ता जैसे पाँच सुधार क्षेत्रों में सर्वोच्य उपलब्धि प्राप्त करने वाला राज्य माना गया है। जो उत्तराखंड की व्यवसाय सुगमता (ईओडीबी) यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यात्रा में 2015 में 23वें स्थान से लेकर 2024 के तहत सुधारों में राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी बनने की यह महत्वपूर्ण यात्रा हैं। पुरस्कार प्राप्त करते हुए उद्योग सचिव विनय शंकर पांडे ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल मार्गदर्शन एवं सतत पर्यवेक्षण में पांच सुधार क्षेत्रों में शीर्ष उपलब्धि प्राप्त करने वालों के रूप में मान्यता प्राप्त होना और राष्ट्रीय स्तर पर सूची में शीर्ष स्थान प्राप्त करना उत्तराखंड के लिए गर्व का क्षण है। जो 2015 में 23वें स्थान से लेकर आज राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त करना, पारदर्शिता, दक्षता और निवेशक केंद्रितता में हमारी प्रगति को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि राज्य ने आवेदन जमा करने और ऑनलाइन भुगतान से लेकर रीयल टाइम ट्रैकिंग, अंतिम मंजूरी, नवीनीकरण और प्रोत्साहन वितरण तक, संपूर्ण अनुमोदन जीवनचक्र को कवर करने वाली प्रक्रियाओं के पूर्ण डिजिटलीकरण के माध्यम से अपने व्यवसाय सुविधा पारिस्थितिकी तंत्र को बदल दिया है। राज्य में वर्तमान में 20 से अधिक विभागों में 200 से अधिक सेवाएं एकल खिड़की प्रणाली के माध्यम से ऑनलाइन प्रदान की जाती हैं, जिससे भौतिक संपर्क बिंदुओं में उल्लेखनीय कमी आई है और पारदर्शिता बढ़ी है। राजस्व, श्रम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, विकास प्राधिकरण, वन, सिंचाई, जल संस्थान और विद्युत जैसे प्रमुख विभाग इस प्रणाली में एकीकृत है। सचिव उद्योग ने कहा कि निवेशकों को और अधिक सहायता प्रदान करने के लिए राज्य ने उत्तराखण्ड सोसाइटी फॉर प्रमोशन ऑफ इन्वेस्टमेंट, स्टार्टअप एंड एंटरप्रेन्योरशिप (यूके-एसपीआईएसई) की स्थापना की है, जो निवेशकों की सुविधा और संपूर्ण परियोजना सहायता के लिए एक समर्पित टीम है। राज्य में व्यावसायिक प्रक्रियाओं को सरल बनाने पर विशेष ध्यान दिया रहा है। उत्तराखंड ने सतत और समावेशी विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को भी उजागर किया है। इन सुधारों का उद्देश्य न केवल निवेश में तेजी लाना है, बल्कि पारिस्थितिक अखंडता और समान विकास को भी बनाए रखना है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि हमारा लक्ष्य राज्य को औद्योगिक निवेश के लिए देश का अग्रणी गंतव्य बनाना है। 2024 में सर्वोच्च पुरस्कार मिलना हमारी नीतिगत पारदर्शिता, उद्योग-अनुकूल वातावरण और निवेशकों के विश्वास का प्रमाण है। औद्योगिक विकास प्रदेश की समृद्धि और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसरों का माध्यम बन रहा है।  2024 में देश के शीर्ष राज्यों में स्थान पाना निवेशकों को उत्तराखंड की ओर आकर्षित करेगा और राज्य की आर्थिक ग्रोथ को नई गति देगा।

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