दक्षिण भारतीय व्यंजनों का अग्रणी ब्रांड सागर रत्न अब देहरादून में

देहरादून। लगभग चालीस वर्ष पूर्व श्री जयराम बनन ने अपना पहला रेस्टोरेंट आरंभ किया था। आतिथ्य उद्योग के प्रति उनकी लगन और समर्पण ने उन्हें ‘डोसा किंग’ और ‘सांभर के सुल्तान’ जैसे नामों से प्रसिद्ध किया।
सागर रत्न ने अब उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में अपना नया आउटलेट आरंभ किया है, जो हाल ही में शुरू हुए “मॉल ऑफ देहरादून” – राज्य के सबसे बड़े मॉल में स्थित है। यह नया सागर रत्न 3200 वर्गफीट क्षेत्र में फैला है तथा 120 लोगों के बैठने की क्षमता रखता है। आधुनिक और पारंपरिक दक्षिण भारतीय कला एवं सजावट का सुंदर सम्मिश्रण इसकी विशेष पहचान है।

यह रेस्टोरेंट भोजन प्रेमियों को ताजे और स्वादिष्ट दक्षिण भारतीय शाकाहारी व्यंजनों की विस्तृत श्रेणी प्रदान करता है। यहाँ पर शुद्ध तेल और घी में बने डोसे, वड़े, इडली, उत्तपम और दक्षिण भारतीय थाली जैसी पारंपरिक स्वादिष्ट डिशें मिलती हैं। ताजी सामग्री से बने चटनी, सांभर और रस्सम प्रत्येक ग्राहक के स्वाद को विशेष आनंद देते हैं।
सागर रत्न में उत्तर भारतीय और चाइनीज़ व्यंजनों की भी विविधता उपलब्ध है, जिससे सभी तरह के स्वाद प्रेमियों के लिए कुछ न कुछ विशेष अवश्य है।मेन्यू में कुछ नई डिशें भी जोड़ी गई हैं, जैसे चेत्तीनाड मसाला डोसा, वेजिटेबल चीज़ डोसा और पोड़ी इडली। ‘इडली चाट’ – उत्तर और दक्षिण भारतीय स्वादों का अभिनव संगम – ग्राहकों की सबसे पसंदीदा डिश बन चुकी है।
प्रामाणिक दक्षिण भारतीय शाकाहारी व्यंजन सागर रत्न की विशेषता रहे हैं। पारंपरिक “फिल्टर कॉफी” जो ‘डबरा’ में परोसी जाती है, ग्राहकों को एक सच्चे दक्षिण भारतीय घर का अनुभव कराती है। “स्पेशल ऑफ द डे” (दिन का विशेष व्यंजन) की भी व्यवस्था है, जो प्रतिदिन बदलता है। इसके अलावा “बादाम मिल्क” भी मेहमानों की पसंदीदा पेय सूची में शामिल है।
श्री जयराम बनन ने अपने करियर की शुरुआत कैंटीन व्यवसाय से की थी और वर्ष 1986 में नई दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी में “सागर” नामक अपना पहला आउटलेट खोला। वर्ष 1991 में उन्होंने लोदी होटल, नई दिल्ली में प्रतिष्ठित “सागर रत्न” की शुरुआत की। आज, यह ब्रांड देशभर में 170 से अधिक आउटलेट्स के साथ अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा चुका है। वर्ष 2022 में श्री जयराम बनन को कर्नाटक सरकार द्वारा राज्य का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान “कन्नड़ राज्योत्सव पुरस्कार” से नवाजा गया।

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