देहरादून। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने हाल ही में नार्को कॉर्डिनेशन सेंटर यानि NCORD की 7वीं शीर्षस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस मौके पर शाह ने राष्ट्रीय नारकोटिक्स हेल्पलाइन पोर्टल ‘MANAS’ की शुरुआत की। MANAS के तहत एक टोल-फ्री नंबर 1933, एक वेब पोर्टल, एक मोबाइल ऐप और उमंग ऐप होगा ताकि देश के नागरिक, नशीली दवाओं की तस्करी पर जानकारी साझा करने या नशीली दवाओं के दुरुपयोग, नशामुक्ति और पुनर्वास जैसे मुद्दों से संबंधित सलाह लेने के लिए गुमनाम रूप से चौबीसों घंटे NCB से जुड़ सकें।
नशा मुक्त भारत के निर्माण में जुटे अमित शाह ने स्पष्ट किया कि सरकार, एजेंसियाँ और देश की 130 करोड़ जनता मिलकर ही नशे के खिलाफ लड़ाई में जीत हासिल कर सकती है। इस बात पर भी जोर दिया गया कि जब तक देश का 35 वर्ष से कम उम्र का हर नागरिक इस लड़ाई को लड़ने और 35 वर्ष से अधिक आयु वाला हर नागरिक मार्गदर्शन का संकल्प नहीं करता तब तक नशे के खिलाफ लड़ाई को जीतना मुश्किल है।
आजादी के बाद दशकों तक देश पर राज करने वाली कांग्रेस की सरकार ने ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई में कोई कदम नहीं उठाया। बल्कि देखा जाए तो कांग्रेस की सरकार में ड्रग्स का अवैध व्यापार लगातार फलता-फूलता रहा और परिणाम यह हुआ कि ड्रग्स का पूरा व्यापार नार्को टेरर के साथ जुड़ गया। आज ड्रग्स की कमाई से आने वाला पैसा देश की सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरा बन गया है। लेकिन, साल 2019 में लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बनते ही मोदी जी ने ड्रग्स के व्यापार को जड़ से खत्म करने के लिए इसकी कमान भारतीय राजनीति के चाणक्य अमित शाह को सौंप दी। इसके साथ ही, एक नए सुबह का आगाज हुआ।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कुशल मार्गदर्शन में पिछले पाँच साल में गृह मंत्रालय ने Whole of Government Approach के साथ स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स, इंस्टीट्यूशनल और इंफॉर्मेशनल रिफॉर्म्स के तीन स्तंभों के आधार पर इस लड़ाई को लड़ने का अभूतपूर्व प्रयास किया है। यदि आँकड़ों का अध्ययन किया जाए तो स्पष्ट पता चलता है कि जहाँ साल 2004 से साल 2014 तक 5,933 करोड़ रूपए मूल्य की 1,52,000 किलोग्राम ड्रग्स जब्त की गई थी, वहीं साल 2014 से साल 2024 के दस साल में 22,000 करोड़ रूपए से भी अधिक मूल्य की 5,43,000 किलोग्राम ड्रग्स जब्त की गई है।
मोदी जी ने 2047 तक भारत को हर क्षेत्र में सर्वप्रथम बनाने का लक्ष्य रखा है, लेकिन देश की जनता यह जानती है कि उसकी प्राप्ति युवा पीढ़ी को ड्रग्स के अभिशाप से दूर रखकर ही संभव है। युवा पीढ़ी और खासकर देश की भावी पीढ़ी के लिए ड्रग्स को सबसे बड़ा दुश्मन मानने वाले शाह ने इसके पूरे इको सिस्टम को ध्वस्त करने के लिए सभी एजेंसियों और राज्य की पुलिसों को स्पष्ट निर्देश दिया है। ड्रग्स की सप्लाई के प्रति ruthless, डिमांड रिडक्शन के प्रति strategic और हार्म रिडक्शन के लिए human अप्रोच रखने वाले अमित शाह ने ड्रग्स के कारोबारियों को स्पष्ट चेतावनी दी है कि भारत में एक भी ग्राम ड्रग्स न कहीं से आएगा और न ही भारत की सीमाओं को ड्रग्स के व्यापार के लिए इस्तेमाल होने दिया जाएगा।
मोदी सरकार में शाह की नीतियों के तहत एजेंसियाँ अब Need to Know के सूत्र पर नहीं बल्कि Duty to Share के सूत्र पर जोर-शोर से काम कर रही हैं। नए भारत के निर्माता अमित शाह ने यदि ठान लिया है तो आने वाले वर्षों में नशा मुक्त भारत का निर्माण तय है।