देहरादून : 6 लाख की स्मैक-डोडा जब्त, 3 नशा तस्कर गिरफ्तार!

देहरादून। राजधानी देहरादून के विकासनगर इलाके में पुलिस ने नशे के सौदागरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। रात के अंधेरे में चेकिंग के दौरान तीन तस्करों को पकड़ा गया, जिनके पास से स्मैक और डोडा पाउडर बरामद हुआ। यह सफलता मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के ‘ड्रग्स फ्री देवभूमि 2025’ अभियान का हिस्सा है, जो उत्तराखंड को नशामुक्त बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

क्या हुआ इस कार्रवाई में?

11-12 दिसंबर 2025 की रात को विकासनगर पुलिस ने अलग-अलग जगहों पर निगरानी बढ़ाई। सबसे पहले डाकपत्थर के पास पुरानी ड्रिग्री कॉलेज रोड पर जिशान नाम के 29 साल के युवक को 9.38 ग्राम स्मैक के साथ दबोचा गया। उसी तरह, कुल्हाल पुल से भुरेसाह मजार की ओर 100 मीटर आगे निसार (53 वर्ष) को 1 किलो 40 ग्राम डोडा पाउडर के साथ गिरफ्तार किया। वहीं, आसन बैराज से कुंजा रोड पर फरमान (31 वर्ष) के पास 10.73 ग्राम स्मैक मिली। कुल मिलाकर 20.11 ग्राम स्मैक और 1.04 किलो डोडा पाउडर जब्त हुआ, जिसकी मार्केट वैल्यू करीब 6 लाख रुपये बताई जा रही है।

तीनों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत विकासनगर कोतवाली में अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए गए। यह कार्रवाई एसएसपी देहरादून के सख्त निर्देशों का नतीजा है, जो हर थाने को नशा माफिया चिह्नित कर सजा दिलाने का आदेश दे चुके हैं।

गिरफ्तार तस्करों का आपराधिक बैकग्राउंड

इनमें फरमान सबसे खतरनाक है– विकासनगर का कुख्यात हिस्ट्रीशीटर। उसके खिलाफ चोरी, लूट, आर्म्स एक्ट, गैंगस्टर एक्ट और नशा तस्करी के 11 से ज्यादा केस दर्ज हैं। पहले भी जेल जा चुका है। निसार का भी पुराना रिकॉर्ड है – 2021 में एनडीपीएस के तहत जेल हुई। जिशान नया नाम लगता है, लेकिन इलाके में सक्रिय था।पूछताछ से पता चला कि ये लोग स्थानीय स्तर पर नशा बांट रहे थे, जो युवाओं को गुमराह कर रहा था। विशेषज्ञों के मुताबिक, स्मैक जैसे अफीम उत्पाद नसों को बर्बाद कर हृदय रोग और मानसिक विकार पैदा करते हैं, जबकि डोडा पाउडर किडनी और लीवर को नुकसान पहुंचाता है।

क्यों है यह अभियान महत्वपूर्ण?

उत्तराखंड में नशे की लत तेजी से फैल रही है। एनसीबी के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में राज्य में 500 से ज्यादा नशा जब्ती हुईं, लेकिन तस्करी अभी भी चुनौती बनी हुई। ‘ड्रग्स फ्री देवभूमि’ विजन से 2025 तक 100% नशामुक्ति का लक्ष्य है। यह कार्रवाई न सिर्फ सौदेबाजों को झकझोरती है, बल्कि स्थानीय युवाओं को बचाती है। प्रभाव? कम अपराध दर, स्वस्थ समाज और पर्यटन को बढ़ावा। अगर ऐसी कार्रवाइयां जारी रहीं, तो देवभूमि सच में ड्रग फ्री हो सकती है।पुलिस टीम में चौकी प्रभारी संदीप पंवार, सनोज कुमार, विवेक भंडारी और अन्य ने सराहनीय काम किया।

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