दृढ़ संकल्प ने तोड़ी दुविधा की बेड़ियां, उत्तराखंड की बेटी पूजा धामी खेल जगत में बिखेरेगी चमक

देहरादून  । इस संसार में कोई ऐसा काम नहीं जो सच्ची आस्था और लगन से किया जाए और पूरा ना हो। ऐसा ही कर दिखाया है उत्तराखंड की बेटी पूजा धामी ने। दृढ़ संकल्प से पूजा ने दुविधा की बेड़ियां तोड़ राज्य और परिवार का नाम रोशन किया है। पहली क्रिकेट महिला अंपायर बनी पूजा अब खेल जगत में अपनी चमक बिखेरेंगी। पूजा का कहना है कि अपनी भूमिका अच्छी तरह से निभाने के बाद उन्हें चैन की नींद आएगी। उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ जिले के तहसील धारचूला अंतर्गत गलाती धामी गांव की होनहार बेटी पूजा धामी ने क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड की ओर से आयोजित स्टेट अंपायर पैनल परीक्षा 2024 उत्तीर्ण कर माता-पिता के साथ सीमांत जिले का मान बढ़ाया है। बचपन से ही क्रिकेट की शौकीन पूजा की इस अभूतपूर्व उपलब्धि से उनकी मां कलावती धामी और पिता उत्तम सिंह धामी गौरवान्वित हैं। पूजा 2018 से 2021 तक उत्तराखंड सीनियर महिला टीम की सदस्य और उत्तराखंड अंडर-23 टीम की उप कप्तान भी रह चुकी है। जनपद की बेटी ने अंपायरिंग में स्टेट पैनल की परीक्षा उत्तीर्ण कर स्टेट में नाम दर्ज कर जनपद का गौरव बढ़ाया है। क्रिकेट एसोसिएशन के लिए यह सम्मान की बात है। खिलाड़ियों में खुशी का माहौल है। शक्ति और सामर्थ्‍य को पहचानें, प्रतिबद्धता मंजिल तक पहुंचाएगी उत्तराखंड ओपेन यू​निवर्सिटी से ग्रेजुएट पूजा धामी वर्तमान में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी से बीपीएड (B.P.Ed) कर रही हैं। पहली महिला अंपायर बनी पूजा धामी ने हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत के दौरान बताया कि अपनी शक्ति और सामर्थ्‍य को पहचानें और अपने सपनों की तरफ बढ़ें। हर मुश्किल को अपनी हिम्मत और निश्चय से पार कीजिए। आप खुद सक्षम हैं। आपकी मेहनत और प्रतिबद्धता आपको हर मंजिल तक पहुंचाएगी।परीक्षा देते समय खुद को अकेली पाकर डर गई थीं पूजा, परिणाम आने पर खुशी से उछल उठी अपना अनुभव साझा करते हुए पूजा ने बताया कि गत 26 मई को आयोजित स्टेट अंपायर पैनल परीक्षा 2024 में मैं अकेली महिला थी। शुरू में मुझे डर लगा कि मैं अकेली हूं। कहीं मैं गलत राह तो नहीं पकड़ रही। कुल 26 लोगों ने स्टेट अंपायर पैनल परीक्षा दी थी। 22 जून को आए परिणाम में नौ लोगों का चयन हुआ। इसमें आठ पुरुष हैं। पूजा का चयन होने पर वे खुशी से उछल उठीं। एक भाई और तीन बहनों में पूजा की मां गृहणी हैं और पिता सैन्य इंजीनियरिंग सेवा में तैनात हैं।

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