देहरादून । पटेलनगर क्षेत्र में हुई प्रापर्टी डीलर की हत्या में पुलिस ने घटना के मास्टरमाइण्ड सहित 2 गिरफ्तार किया है। आरोपी सचिन की गिरफ्तारी के बाद हत्या में मुख्य आरोपी के रूप में फौजी का नाम सामने आया था। प्रापर्टी में हिस्सेदारी को लेकर हुये विवाद में मृतक ने फौजी को मारने की सुपारी अर्जुन को दी थी। इस बात की जानकारी होने पर फौजी ने अर्जुन को मोटी धनराशि देने का लालच देकर मंजेश की हत्या करवायी थी। घटना में शामिल 2 आरोपियों को पुलिस ने पूर्व में दून तथा हरियाणा से गिरफ्तार किया था। घटना का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को एसएसपी ने 10 हज़ार रुपये के पुरस्कार से पुरुस्कृत करने की घोषणा की है। पुलिस ने संजय उर्फ फौजी पुत्र सुरेन्द्र सिंह, अफजल मलिक पुत्र निसार व अर्जुन पुत्र बलवान के न्यायालय में पेश करते हुए जेल भेज दिया।
पूछताछ मे आरोपी अर्जुन ने बताया कि वह मंजेश के साथ प्रापर्टी डिलिंग का काम करता था। मंजेश तथा संजय उर्फ फौजी आपस में पार्टनर थे, फौजी ने राजपुर रोड़, सहस्त्रधारा तथा झाझरा हाइवे में जमीन प्लॉटिंग के लिये उठायी गयी थी जिसमें मंजेश उससे आधी हिस्सेदारी मांग रहा था। इसी बाद को लेकर दोनों के बीच विवाद चल रहा था, मंजेश ने आरेापी अर्जुन को संजय उर्फ फौजी को मारने की सुपारी दी तथा उसके एवज में उसे अच्छा पैसा देने की बात कही गयी। परन्तु मंजेश के आपराधिक प्रवृत्ति का होने के कारण अभियुक्त अर्जुन द्वारा इस काम से इनकार कर दिया तथा उक्त बात को संजय उर्फ फौजी को बता दिया। संजय द्वारा अभियुक्त अजुर्न को बताया गया कि उसके द्वारा राजपुर रोड़, सहस्त्रधारा तथा झाझरा हाइवे में जो जमीन उठायी गयी है यदि उसकी डील हो जाती है तो उसे 80-90 करोड़ का फायदा होगा, जिसमें से मंजेश आधा हिस्सा मांग रहा है यदि अर्जुन मंजेश की हत्या कर दे तो वह उसे उसके एवज में 10 करोड़ रूपये देगा।
जिस पर आरोपी तैयार हो गया तथा उसनेे अपने एक अन्य साथी सचिन को घटना में शामिल कर लिया। आरोपी सचिन को बताया था कि मंजेश के खाते में 38 लाख रूपये है तथा उसके मोबाइल के पिन की आरोपी को जानकारी है यदि उसने मंजेश की हत्या कर दी जाए तो वह इस पैसे को उसके खाते से निकाल सकते है। इसके लिये उन्होने मंजेश को पार्टी के बहाने सचिन के कमरे में बुलाने तथा वहां उसकी हत्या करने की योजना बनायी। घटना से एक दिन पूर्व संजय उर्फ फौजी दोनों से मिला था तथा उसने उन्हें खर्चे के लिये 10 हजार रूपये दिये थे तथा अगले दिन कुछ पैसों के पेमेन्ट करने की बाद कहीं गयी थी। घटना की सांय दोनों आरोपी दुबारा संजय उर्फ फोजी से मिले, जहां संजय ने 2-4 दिन में जमीन का पेमेन्ट आने तथा उन्हें पूरा पेमेन्ट एक साथ करने की बात कही गयी, जिस पर आरोपी अर्जुन राजी हो गया तथा उसने रात्रि में मंजेश को पार्टी के बहाने सचिन के कमरे में बुलाया, जहां मंजेश को शराब पिलाने के बाद दोनों आरोपी सचिन तथा अर्जुन ने गला घोटकर उसकी हत्या कर दी।
घटना के बाद दोनों आरोपी मृतक के शव को ठिकाने लगाना चाहते थे पर दोनों में से किसी को गाड़ी चलाना न आने के कारण अर्जुनने अपने एक साथी शुभम को घटना के सम्बन्ध में बताते हुये शव को ठिकाने लगाने की बात बतायी पर उसने इनकार कर दिया। घटना के बाद आरोनी अर्जुन ने मृतक मंजेश के गले से चेन, अंगूठी तथा गाड़ी की चाबी अपने पास रख ली, सुबह के समय दोनों आरोपी मृतक के शव को ठिकाने लगाने की योजना बना रहे थे कि अचानक पुलिस के आने पर दोनों आरोपी घबराकर छत से नीचे कूदकर फरार हो गये। घटना के बाद आरोपी अर्जुन संजय उर्फ फौजी से मिला तथा उसे घटना के सम्बन्ध में जानकारी देते हुये मृतक की गाड़ी की चाबी उसे दे दी, जिस पर संजय उर्फ फौजी ने आरोपी को 50 हजार रूपये देते हुये अपनी गाड़ी से ग्राफिक ऐरा हॉस्पिटल झाझरा के पास छोड़ा जहां से आरोपी अपने साथी अफजल के कमरे में गया तथा एक दिन वहां रूकने के बाद घटना की जानकारी अपने दोस्त अफजल को देते हुये मृतक मंजेश की चौन तथा अंगूठी को उसके पास रखकर वहां से हरियाणा चला गया। इस दौरान अपने साथी सचिन की गिरफ्तारी की जानकारी मिलने पर आरोपी गिरफ्तारी से बचने के लिये सोनीपत कोर्ट में सरेण्डर करने की योजना बनायी पर पुलिस टीम ने आरोपी को सरेण्डर करने से पूर्व कोर्ट के बाहर से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने संजय उर्फ फौजी पुत्र सुरेन्द्र सिंह, अफजल मलिक पुत्र निसार व अर्जुन पुत्र बलवान के न्यायालय में पेश करते हुए जेल भेज दिया।