“सागरा प्राण तळमळला…के 116 वर्ष पूरे होने पर वीर सावरकर की भव्य प्रतिमा का अनावरण
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में आरएसएस सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने किया सावरकर प्रतिमा का अनावरण
विजया पुरम, अंडमान -निकोबार। अमर देशभक्ति गीत “सागरा प्राण तळमळला……” की पंक्तियाँ 116 वर्षों से भारतीयों में राष्ट्रप्रेम की ज्वाला प्रज्वलित करती रही हैं। इसी ऐतिहासिक विरासत का सम्मान करते हुए मुंबई स्थित वैल्यूएबल ग्रुप के संस्थापक अमेय हेटे द्वारा 12 दिसंबर 2025 को विजया पुरम, अंडमान एवं निकोबार में भव्य स्मृति समारोह का आयोजन किया गया।
इस दौरान स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर की भव्य प्रतिमा का अनावरण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत द्वारा किया गया। इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति रही। यह अवसर इसलिए भी विशेष रहा क्योंकि मोहन भागवत और अमित शाह लंबे समय बाद किसी सार्वजनिक मंच पर एक साथ दिखाई दिए।
कार्यक्रम में अंडमान एवं निकोबार के उपराज्यपाल एडमिरल (सेवानिवृत्त) देवेंद्र कुमार जोशी तथा महाराष्ट्र के सांस्कृतिक कार्य व सूचना-प्रौद्योगिकी मंत्री एडवोकेट आशीष शेलार भी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
इस अवसर पर वैल्यूएबल ग्रुप के संस्थापक अमेय हेटे ने कहा कि यह आयोजन केवल सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं बल्कि स्वतंत्रता संग्राम की प्रेरक गाथा को अगली पीढ़ियों तक पहुँचाने का विनम्र प्रयास है।
सावरकर की राष्ट्रनिष्ठा, त्याग और निर्भीक विचारधारा को दर्शाती यह प्रतिमा प्रसिद्ध मूर्तिकार श्री राम सुतार द्वारा निर्मित की गई है, जिन्हें हाल ही में महाराष्ट्र भूषण सम्मान से सम्मानित किया गया।
अमेय हेटे ने कहा कि यह समारोह केवल एक संस्कृतिक आयोजन नहीं बल्कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के प्रेरणादायी इतिहास को नमन करने का संकल्प है। आने वाली पीढ़ियों के हृदय में देशभक्ति की चिंगारी प्रज्वलित रखना ही हमारा उद्देश्य है। यह हमारे लिए सम्मान ही नहीं, बल्कि वीर सावरकर के त्याग के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का माध्यम भी है।”
सागरा प्राण तळमलला…
यह प्रसिद्ध कविता सावरकर ने दिसंबर 1909 में इंग्लैंड के ब्राइटन समुद्र तट पर लिखी थी। दिसंबर 2025 में इसके 116 वर्ष पूरे हो गए हैं। सावरकर ने यह कविता तब लिखी जब वे इंग्लैंड में थे और अपनी मातृभूमि भारत लौटने के लिए तड़प रहे थे।
