देहरादून । भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि धामी सरकार द्वारा लाया जा रहा भू कानून राज्य के मूल स्वरूप को सरंक्षित करने मे शत प्रतिशत सफल होगा। भू कानून के उल्लंघन कर की गयी खरीद फरोख्त के सत्यापन के लिए जिस तरह से प्रशासनिक स्तर पर चिन्हीकरण की कार्यवाही की जा रही है उससे उन लोगों मे हड़कंप मचा है जिन्होंने अवैध खरीद फरोख्त की है। पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत मे उन्होंने कहा कि सीएम धामी कठोर भू कानून के जरिये राज्य के भौगोलिक स्वरूप मे छेड़छाड़ की कोशिश को खत्म करने के लिए अपना संकल्प दोहरा चुके हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से भू कानून को अमली जामा पहनाने से पहले बड़े खरीददारों की कुंडली सामने आ रही है उससे साफ है कि कर्यवाही सही दिशा मे है। हाल ही मे शासन द्वारा राज्य वासयों को सावधान भी किया गया कि वह किसी बाहरी व्यक्ति से जमीन न ले, क्योंकि बाहरी लोगों ने नियम विरुद्ध और गैर प्रायोजन के लिए भूमि खरीदी है। ऐसे मे उन्हे आर्थिक नुक्सान हो सकता है।
चौहान ने कहा कि सीएम पुष्कर सिंह धामी राज्य की संस्कृति और स्वरूप को सरंक्षित रखने के लिए कई कदम उठा चुके हैं। इसमें लैंड जिहाद, धर्मांतरण जैसे ऐतिहासिक कानून अस्तित्व मे आये हैं। अब राज्य की समस्त भूमि अवैध खरीदारों से मुक्त कराने में सरकार जुटी है। सीएम के निर्देश पर बाहरी भूमाफियाओं पर कार्यवाही बेहद प्रशंसनीय है। क्योंकि राज्य निर्माण के बाद से बाहरी लोगों द्वारा भू कानूनों के प्रावधानों का उल्लंघन कर बड़ी मात्रा में जमीनों के अवैध खरीद-फरोख्त की बात सामने आती रही हैं। राज्य में सीमित भू संसाधन होने और राज्यवासियों के हकों पर डाले गए इस डाके को लेकर समाज भी लगातार चिंता प्रकट करता रहा है। उन्होंने कहा कि उच्चस्तरीय कमेटी की रिपोर्ट पर तमाम जरूरी पहलुओं पर गंभीरतापूर्वक विचार कर बजट सत्र में सदन में प्रस्तुत करने किया जाना तय किया गया है। जनता भी भू कानून लागू होने से पहले ही अवैध तरीके से राज्य में जमीन खरीदने वालों पर ऐक्शन से जनता बेहद खुश है। चौहान ने कहा कि सरकार की ऐसी कोशिशों में समाज के सभी वर्गों से भी सहयोग की आवाज जरूरी है। सरकार की यह कोशिशें स्पष्ट करती है कि शीघ्र कठोरतम भू कानून लाकर इस जनसमस्या का समाधान भी भाजपा की सरकार ही करने जा रही है। उन्होंने विपक्षी पार्टी की इस पर बयानबाजियों को गैरजरूरी बताया और कहा कि राजनीति से ऊपर उठते हुए इस मुद्दे पर असल उत्तराखंडियत दिखाने को आगे आना चाहिए।