मुख्यमंत्री  धामी के नेतृत्व में एचईओसी  निर्माण में अभूतपूर्व प्रगति,  उत्तराखंड की स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में बड़ी छलांग

 देहरादून ।  प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (PM-ABHIM) के तहत केंद्र सरकार द्वारा उत्तराखंड में हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (एचईओसी ) की स्थापना को मंज़ूरी देने के बाद राज्य में स्वास्थ्य आपात प्रबंधन के क्षेत्र में एक नई ऊर्जा आई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निरंतर मार्गदर्शन में एचईओसी  की स्थापना का कार्य देहरादून स्थित महानिदेशालय चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिसर में तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत सरकार की एक उच्च स्तरीय टीम ने स्वास्थ्य महानिदेशालय में बन रहे निर्माणाधीन हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर एचईओसी  का निरीक्षण किया। टीम ने महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. सुनीता टमटा से भेंट की और निर्माण कार्य की गुणवत्ता, संरचना और डिज़ाइन पर विस्तार से चर्चा की। इसके बाद टीम ने नोडल अधिकारी डॉ. पंकज सिंह के साथ निर्माण स्थल का दौरा किया और केंद्र की तैयारियों का प्रत्यक्ष मूल्यांकन किया। निरीक्षण के दौरान टीम ने कार्य प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और राज्य सरकार द्वारा अपनाई गई पारदर्शी एवं व्यवस्थित कार्यप्रणाली की सराहना की। इस निरीक्षण प्रक्रिया ने न केवल परियोजना की विश्वसनीयता को मजबूत किया है, बल्कि यह भी स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर एचईओसी  को एक मॉडल संस्थान के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत सरकार की टीम में डॉ. सैयद जुल्फेकार अहमद, क्षेत्रीय निदेशक, आरओएचएफडब्ल्यू, लखनऊ, डॉ. निश्चय केशरी, चिकित्सा अधिकारी, आरओएचएफडब्ल्यू, लखनऊ, आशिष, परामर्शदाता, हेमंत नेगी मौजूद रहे तथा स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड की तरफ से  एचईओसी  नोडल अधिकारी डॉ पंकज सिंह तथा डॉक्टर सुजाता सिंह उपस्थित रहे।

भारत सरकार की टीम का निरीक्षण, गुणवत्ता पर संतुष्टि
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर ( एचईओसी  ) के निर्माण कार्य का लगभग आधा हिस्सा पूरा हो चुका है और शेष कार्य भी निर्धारित गति से प्रगति पर है। उम्मीद है कि यह केंद्र जनवरी 2026 के अंत तक पूर्ण रूप से तैयार हो जाएगा। इसके बाद इसे औपचारिक रूप से केंद्र सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग, उत्तराखंड को हस्तांतरित किया जाएगा। राज्य सरकार ने इस केंद्र के संचालन को लेकर पहले ही तैयारियां शुरू कर दी हैं, जिसके तहत प्रशिक्षित और अनुभवी अधिकारियों को आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य आपात प्रतिक्रिया से संबंधित विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। सरकार का स्पष्ट उद्देश्य है कि केंद्र के शुरू होते ही यह अत्याधुनिक क्षमता के साथ प्रभावी ढंग से कार्य कर सके। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (PM-ABHIM) के तहत उत्तराखंड राज्य को स्वास्थ्य क्षेत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, केंद्र सरकार ने राज्य में हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (एचईओसी ) की स्थापना को मंज़ूरी प्रदान की थी।  इस केंद्र के निर्माण का आधा कार्य पूरा हो चुका है। इस केंद्र के जनवरी 2026 के अंत तक पूर्ण होने की संभावना है तत्पश्चात यह केंद्र सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड राज्य को हस्तांतरित कर दिया जाएगा जिसका संचालन स्वास्थ्य विभाग के प्रशिक्षित एवं  अनुभवी अधिकारियों द्वारा किया जाएगा । यह केंद्र भविष्य में उत्तराखंड की स्वास्थ्य सुरक्षा का मुख्य आधार बनने जा रहा है और आपदा एवं महामारी प्रबंधन की दिशा में राज्य के प्रयासों को नई मजबूती प्रदान करेगा।

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि एचईओसी  की स्थापना से उत्तराखंड स्वास्थ्य आपात प्रबंधन के एक नए युग में प्रवेश करने जा रहा है। यह केंद्र न केवल आपदाओं के समय तेजी से प्रतिक्रिया सुनिश्चित करेगा, बल्कि सामान्य परिस्थितियों में भी स्वास्थ्य संबंधी निगरानी, डेटा विश्लेषण और निर्णय प्रक्रिया को तकनीकी रूप से मजबूत बनाएगा। इससे जिलों के बीच समन्वय बेहतर होगा और राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में एकरूपता व गति आएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्राथमिकता सूची में स्वास्थ्य क्षेत्र लगातार शीर्ष पर रहा है और एचईओसी  परियोजना इस प्रतिबद्धता का एक जीवंत उदाहरण है। राज्य सरकार का विश्वास है कि केंद्र के पूर्ण रूप से कार्यरत हो जाने पर उत्तराखंड न केवल अधिक सुरक्षित होगा, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान भी स्थापित करेगा। यह केंद्र उत्तराखंड की स्वास्थ्य सुरक्षा को नई ऊर्जा, नई मजबूती और नई दिशा प्रदान करेगा, यही राज्य सरकार का दृढ़ संकल्प है।

आपदाओं और महामारियों पर त्वरित प्रतिक्रिया का केंद्र बनेगा एचईओसी
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि एचईओसी  की स्थापना से राज्य को स्वास्थ्य आपात स्थितियों और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान त्वरित और सटीक प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने में बड़ी सहायता मिलेगी। केंद्र स्वास्थ्य संबंधी तैयारियों को हर समय मजबूत रखेगा और संभावित खतरों की समय पर पहचान कर उचित कार्रवाई को संभव बनाएगा। यह केंद्र कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारियों के दौरान हुए अनुभवों को ध्यान में रखते हुए अत्याधुनिक निगरानी तंत्र से सुसज्जित किया जा रहा है, जिससे किसी भी महामारी का प्रारंभिक चरण में पता लगाकर नियंत्रण किया जा सके। धराली जैसी आपदा स्थितियों में राज्य की प्रतिक्रिया क्षमता को भी यह केंद्र कई गुना बढ़ा देगा। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि एचईओसी  न केवल एक भवन या संरचना नहीं, बल्कि उत्तराखंड की भविष्य की स्वास्थ्य सुरक्षा का महत्वपूर्ण आधार होगा।

राष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य अवसंरचना को मजबूत बनाने का प्रयास
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि देशभर में एचईओसी  केंद्रों की स्थापना केंद्र सरकार की उस व्यापक दृष्टि का हिस्सा है, जिसमें भविष्य की स्वास्थ्य चुनौतियों के लिए देश को तैयार करना शामिल है। यह केंद्र सार्वजनिक स्वास्थ्य अवसंरचना को मजबूत करने और आपदा एवं महामारी प्रबंधन में राज्य और केंद्र के बीच बेहतर समन्वय को बढ़ावा देगा। उत्तराखंड के लिए यह परियोजना विशेष महत्व रखती है क्योंकि पहाड़ी भूगोल, प्राकृतिक आपदाओं की संवेदनशीलता और भौगोलिक चुनौतियों को देखते हुए यहां स्वास्थ्य आपात प्रबंधन के लिए एक मजबूत तंत्र की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी। एचईओसी  की स्थापना इस दिशा में एक ठोस और प्रभावी कदम है, जो आने वाले वर्षों में राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र को नई पहचान दिलाएगा।

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